08 जनवरी 2011

मुन्‍नी बदनाम हुई

नीचे दी गई पंक्तियों का प्रसंग सहित वर्णन कीजिए,
‘मुन्‍नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए’
प्रसंग सहित वर्णन – यह पंक्ति बालीवुड के प्रसिध्‍द कवि संत श्री सलमान खान(चुलबुल पांडे) जी की रचना ‘दबंग’ के ‘मुन्‍नी बदनाम’ से ली गई है। इस कविता में कवि मायावी सुंदरी(आईटम गर्ल) मलईका अरोरा खान को संबोधित करते हुए प्‍यार में बदनाम होने की प्रेरणा दे रहे हैं। कवि इस कविता के माध्‍यम से बडे़ सुंदर तरीके से मुन्‍नी से सरेआम बदनाम होने अथवा झंडू  बाम होने को कह रहे हैं। चलचित्र में बार बार मुन्‍नी के रूप और सुडौल शरीर को कम वस्‍त्रों में दिखाकर दर्शकों का मन मोहने का सफल प्रयास किया गया है। मुन्‍नी से मिलने वाले मजे की तुलना मदिरा से और शरीर की तुलना शिल्‍पा शेटटी से भी की गई है।
(मुझे मोबाइल पर मिला एक एसएमएस)

2 टिप्‍पणियां:

  1. यह सच है कि आज इंसान दुखी परेशान और आतंकित है लेकिन उसे दुख देने वाला भी कोई और नहीं है बल्कि खुद इंसान ही है ।
    आज इंसान दूसरों के हिस्से की खुशियां भी महज अपने लिए समेट लेना चाहता है । यही छीना झपटी सारे फ़साद की जड़ है ।
    एक दूसरे के हक को पहचानौ और उन्हें अदा करो अमन चैन रहेगा । जो अदा न करे उसे व्यवस्था दंड दे ।
    लेकिन जब व्यवस्था संभालने वाले ज़ालिमों को दंड न देकर ख़ुद पक्षपात करें तो अमन चैन ग़ारत हो जाता है । आज के राजनेता ऐसे ही हैं । देश को आज तक किसी आतंकवादी से इतना नुक़्सान नहीं पहुंचा जितना कि इन नेताओं से पहुंच रहा है । ये नेता देश की जनता का विश्वास देश की व्यवस्था से उठा रहे हैं ।
    बचेंगे ये ख़ुद भी नहीं ।

    SMS को लेकर आप ने जो बात कही है और जो नहीं कही है उसे अगर ढंग से जान लिया जाए तो भारत के विभिन्न समुदायों का विरोधाभास भी मिट सकता है और अब तो अलग अलग दर्जनों चीजों की पूजा करने वाले भी कहने लगे हैं कि सब चीजों का मालिक एक है ।
    अब मैं चाहता हूं कि सही ग़लत के Standard scale को भी मान लिया जाना चाहिए ।
    देखिए
    प्यारी माँ

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