tag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post5286583337785767874..comments2024-03-17T12:42:25.548+05:30Comments on सत्यमेव जयते ! ... (?): सोच का सीमित दायराAtul Shrivastavahttp://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-44594274012377630322011-03-20T13:58:19.264+05:302011-03-20T13:58:19.264+05:30आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मं...आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-56291934524901348372011-03-19T18:01:55.867+05:302011-03-19T18:01:55.867+05:30अच्छी अभिव्यक्ति .....
होली के पावन पर्व की हार्दि...अच्छी अभिव्यक्ति .....<br />होली के पावन पर्व की हार्दिक बधाई .....निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-57638528769083088982011-03-14T22:53:44.026+05:302011-03-14T22:53:44.026+05:30bahut badhiaa....bahut badhiaa....amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-83374427890360852932011-03-14T15:00:14.541+05:302011-03-14T15:00:14.541+05:30कहानी कुछ अधूरी नहीं लगी ? सबसे पहले तो उपर की टिप...कहानी कुछ अधूरी नहीं लगी ? सबसे पहले तो उपर की टिप्पणी में जो मुद्दा उन्मुक्तजी ने उठाया है वह छूटा हुआ है फिर यदि घायल थानेदार साहब का बेटा है तो म़ृतक तो थानेदार साहब का पति है जो बेटे से कम कीमती नहीं है । फिर थानेदार साहब की उस मृतक या पति के प्रति जिम्मेदारी व शोक संवेदना कहाँ गायब हो गई ?Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-74215324941627740782011-03-13T18:15:04.234+05:302011-03-13T18:15:04.234+05:30यह अक्सर पूछे जाने वाल प्रश्न है लेकिन यह अंग्रेजी...यह अक्सर पूछे जाने वाल प्रश्न है लेकिन यह अंग्रेजी में चलता है न कि हिन्दी में। आपने लिखा,<br />'एक थानेदार साहब गुजरते हैं। वे देखते हैं एक्सीडेंट हो गया है। वे पास जाते हैं। घायल पर उनकी नजर पडती है और वे यह देखकर दुखी हो जाते हैं'<br />हिन्दी में यदि महिला थानेदार होगी तब सवाल यह होगा,<br />'एक थानेदार साहिबा गुजरती हैं। वे देखती हैं एक्सीडेंट हो गया है। वे पास जाती हैं। घायल पर उनकी नजर पडती है और वे यह देखकर दुखी हो जाती हैं'<br /><br />जिस तरह से आपने यह हिन्दी में लिखा है उससे तो पुरुष ही लगता है।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-50403223604716455062011-03-13T17:33:31.249+05:302011-03-13T17:33:31.249+05:30लेख में उल्लेखित कहानी आंख खोल देने वाली कहानी है।...लेख में उल्लेखित कहानी आंख खोल देने वाली कहानी है। इस कहानी से बहुत बड़ी सीख मिलती है।<br /><br />नारी शक्ति को नमन।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-48537715311594886372011-03-11T22:23:17.388+05:302011-03-11T22:23:17.388+05:30हर दिन के बाद तीन सौ चौंसठ दिन शेष रह जाते हैं और ...हर दिन के बाद तीन सौ चौंसठ दिन शेष रह जाते हैं और हम हर दिन उनकी चिंता के बिना ताम झाम में लगे रहते हैं !<br /><br />बेहतर किस्सा ! बेहतर प्रस्तुति !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-13558936944272648842011-03-11T15:55:27.618+05:302011-03-11T15:55:27.618+05:30Saty kaha hai aapne ... darasal ham naari ki ahmiy...Saty kaha hai aapne ... darasal ham naari ki ahmiyat nahi sanajhna chaahte samaaj mein .. bas kori baat karna chaahte hain ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-72330872195782499272011-03-11T13:26:55.854+05:302011-03-11T13:26:55.854+05:30achchha lekh...
matr aupcharikta nibha lene se kuc...achchha lekh...<br />matr aupcharikta nibha lene se kuchh nahi honewala!सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-74287546921027015552011-03-11T11:42:50.251+05:302011-03-11T11:42:50.251+05:30im a woman..and single child of my parents..im tak...im a woman..and single child of my parents..im taking care of them...iam able to do all kind of works..but still i feel...men takes women for granted...hame samaj ke ye opurane reeti rivaaj todne honge tabhi mahilaye apna saccha sthan pa sakengi...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-41535208442268173882011-03-10T20:15:32.511+05:302011-03-10T20:15:32.511+05:30रोचक....नारी शक्ति को प्रणामरोचक....नारी शक्ति को प्रणामUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-355607091523878362011-03-10T10:42:01.420+05:302011-03-10T10:42:01.420+05:30@khushdeep
its important because the woman are tre...@khushdeep<br />its important because the woman are treated as "devi " here in india and on woman day when something like this happens we understand what the devi is reallyरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-11268324397108678392011-03-10T08:34:17.200+05:302011-03-10T08:34:17.200+05:30सच्चाई बयान की है आपने, शुभकामनायें ! !!सच्चाई बयान की है आपने, शुभकामनायें ! !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-68620168817157836842011-03-09T14:04:58.888+05:302011-03-09T14:04:58.888+05:30महिला दिवस की निरर्थकता सिद्ध करते , इस बेहतरीन ले...महिला दिवस की निरर्थकता सिद्ध करते , इस बेहतरीन लेख के लिए आपका बहुत - बहुत आभार..संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-34369441840546888912011-03-09T12:14:17.128+05:302011-03-09T12:14:17.128+05:30हिन्दुस्तानी आदमी महिला दिवस बाहर वाली महिलाओं के ...हिन्दुस्तानी आदमी महिला दिवस बाहर वाली महिलाओं के लिए मनाता है......घर में तो वो खालिस मर्द ही रहता है .....वैसे किस्सा दिलचस्प है !डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-89987368567398200942011-03-09T10:39:11.509+05:302011-03-09T10:39:11.509+05:30कल महिला दिवस पर दिल्ली में एक छात्रा की हत्या कर ...<i>कल महिला दिवस पर दिल्ली में एक छात्रा की हत्या कर दी गई, एक बुज़ुर्ग महिला को मार दिया गया, मुंबई में एक महिला ने अपने दो बच्चों को 19वीं मंज़िल से फेंकने के बाद खुदकुशी कर ली...इन घटनाओं पर हर तरफ़ यही शोर मचा कि महिला दिवस पर ये सब हुआ...मेरा सवाल ये है कि ये बताने पर इतना ज़ोर क्यों कि महिला दिवस पर ये सब हुआ...तो क्या साल के बाकी 364 दिनों में ऐसी घटनाएं अगर होती हैं तो वो आम बात है, उन पर आसमान नहीं टूटना चाहिए...और यही हमारे देश की हक़ीक़त है...<br /><br />जय हिंद...</i>Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-67585553773459348312011-03-09T08:19:23.658+05:302011-03-09T08:19:23.658+05:30महिला दिवस की निरर्थकता सिद्ध करते , इस बेहतरीन ल...महिला दिवस की निरर्थकता सिद्ध करते , इस बेहतरीन लेख के लिए बधाई ।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-1237632880498223262011-03-09T05:30:50.850+05:302011-03-09T05:30:50.850+05:30बिलकुल सत्य कहा आप ने| धन्यवाद|बिलकुल सत्य कहा आप ने| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-83137365455547559972011-03-08T19:03:29.077+05:302011-03-08T19:03:29.077+05:30नीरज जी की यह बात पसंद आई;
"हमें रोज महिला द...नीरज जी की यह बात पसंद आई; <br />"हमें रोज महिला दिवस मनाना चाहिए तब शायद कुछ बात बने..."पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-55128520644670953632011-03-08T18:28:21.570+05:302011-03-08T18:28:21.570+05:30लेकिन अमल नहीं होता। यह एक सवालिया निशान है समाज क...लेकिन अमल नहीं होता। यह एक सवालिया निशान है समाज के लिए।<br />बेहतरीन पोस्ट ...आभारSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-16537394043255990652011-03-08T18:01:07.107+05:302011-03-08T18:01:07.107+05:30आपका कहना सही है ...आपने इन दिवसों की प्रासंगिकता ...आपका कहना सही है ...आपने इन दिवसों की प्रासंगिकता पर सही ढंग से प्रकाश डाला हैकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-63933719709516585532011-03-08T17:19:22.337+05:302011-03-08T17:19:22.337+05:30acha hai ...sahi hai jarurat bas maansikta badalne...acha hai ...sahi hai jarurat bas maansikta badalne ki hai..sab to khud ho jayega....malikhttps://www.blogger.com/profile/03722141936319049982noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-55014662157879720262011-03-08T12:23:33.474+05:302011-03-08T12:23:33.474+05:30अतु्ल जी लेख के माध्यम से बहुत गहरी बात कह दी है……...अतु्ल जी लेख के माध्यम से बहुत गहरी बात कह दी है………………सच कहा महिला दिवस की सार्थकता तभी है जब हम इसे अमल मे लायेंगे और मुझे गर्व है कि मै काफ़ी हद तक अमल मे लाती हूँ ………इसी बात पर एक किस्सा सुनाती हूँ अपने ही घर का………अभी मेरे बेटे के पेपर खत्म हुये तो वो अपने दोस्तो के साथ घूमने जा रहा था तो मैने उससे पूछा तेरे साथ और कौन जा रहा है यहाँ से…………इस बात पर मेरी बेटी ने कहा………मम्मी मेरे से तो कभी आप ये पूछते नही और वो लडका है उससे पूछ रही हो जबकि मै लडकी हूं और आपको ये बात तो मुझसे पूछनी चाहिये जबकि आप कभी नही पूछतीं और मेरे दोस्तो के यहाँ तो इससे उलट होता है तो मैने उसे यही कहा कि बेटा हमने तुझे कभी बेटे से कम माना ही नही या कहो तुझमे कभी फ़र्क समझा ही नही…………और यही सच भी है …………मेरे ख्याल से सभी को इसी तरह अमल मे लाना होगा तभी बदलाव संभव है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-49758420250479706862011-03-08T11:16:59.994+05:302011-03-08T11:16:59.994+05:30अतुल भाई,आपने लेख के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया।
आ...अतुल भाई,आपने लेख के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया।<br />आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2832390747382324847.post-65951540040760287972011-03-08T10:51:39.594+05:302011-03-08T10:51:39.594+05:30अतुल भाई बिलकुल सत्य कहा आप ने..
सच्चाई बताऊँ तो क...अतुल भाई बिलकुल सत्य कहा आप ने..<br />सच्चाई बताऊँ तो कहानी में थानेदार का जिक्र होते ही एक पुरुष का रोबीला चेहरा ही मेरे भी जहन में आया.<br />मगर नारी शसक्तीकरण के अवसर पर ही हमारे एक मुख्यमंत्री ने उनके लिए कोटा निर्धारण की बात कह कर उन्हें कमजोर साबित करने की शुरुवात कर दी..<br />महिला दिवस मानाने से कुछ बदलाव नहीं होगा.बदलाव हमारी मानसिकता में करना होगा.<br />बहुत अच्छी रचना...<br />बधाइयाँ..आशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.com