हास्य और व्यंग्य को एक नई पहचान देने वाले जसपाल भट्टी का निधन हो गया। बीती रात बुराई पर अच्छाई के प्रतीक पर्व विजयादशमी पूरे देश भर में धूम धाम से मनाई गई और प्रतीक रूप में रावण के पुतले का 'वध' किया गया। सुबह हुई तो एक 'उल्टा पुल्टा' खबर ने चौंका दिया। जालंधर के पास शाहकोट में एक सड़क हादसे में हास्य और व्यंग्य को एक नया रूप देने वाले कलाकार जसपाल भट्टी की मौत ने स्तब्ध कर रख दिया।
पंजाब के अमृतसर में 3 मार्च 1955 को पैदा हुए जसपाल भट्टी एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। वे जिस क्षेत्र में भी रहे, उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी। चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने वाले जसपाल का मुख्य शौक अभिनय था। ... और अभिनय में भी ऐसा काम कि जो कोई संदेश दे। हल्के फुल्के अंदाज में लोगों तक बात को पहुंचाए। अपनी इसी सोच के चलते कॉलेज के दिनों में ही भट्टी ने नॉनसेंस क्लब बनाकर नुक्कड़ नाटकों की शुरुआत की। वे एक अच्छे कार्टूनिस्ट भी थे। द ट्रिब्यून अखबार में कार्टूनिस्ट के तौर पर भी अपनी बात लोगों तक पहुंचाने का काम करते रहे। हालांकि तब तक उनका काम सीमित था। बाद में वे पूरे देश के ध्यान में तब आए जब दूरदर्शन में उन्होंने कामेडी शो 'उल्टा पुल्टा' लेकर आए। इस शो के माध्यम से उन्होंने उल्टी पुल्टी बातें कर सीधी और सच्ची सलाह लोगों तक पहुंचाने का काम किया और विशुद्ध कॉमेडी और बिना द्विअर्थी संवाद के ही एक नई मिसाल पेश की। दूरदर्शन में 80 के दशक में शुरू हुए इस शो को लेकर लोगों में गजब की दीवानगी थी और लोग सुबह सुबह इस शो का बेसब्री से इंतजार करते थे।
'उल्टा पुल्टा' के साथ भट्टी ने जो शुरूआत की तो फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद आया उनका 'फ्लॉप शो'। इस शो में वे अपनी पत्नी के साथ नजर आए। ये भटटी ही थे जिन्होंने 'फ्लॉप शो' को अपनी प्रतिभा से 'हिट' कर दिया। एक्टिंग में पूरी तरह सफल होने के बाद भट्टी ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया। छोटे परदे पर उनके दूसरे शोज थैंक्यू जीजा जी, हॉय जिंदगी-बॉय जिंदगी, फुल टैंशन भी खासा चर्चित हुए। एक्टिंग के साथ साथ जसपाल भट्टी ने सब टीवी के शो कॉमेडी का किंग कौन में जज के भूमिका भी निभाई। कुछ साल पहले अपनी पत्नी सविता के साथ डांस शो नच बलिए में उन्होंने अपने डांस का हुनर भी दिखाया।
जसपाल भट्टी ने छोटे परदे के अलावा बड़े परदे में भी अपने ही अंदाज में कॉमेडी के रंग दिखाए। इनमें फना, कुछ मीठा हो जाए, कुछ ना कहो, कोई मेरे दिल से पूछे, हमारा दिल आपके पास है, आ अब लौट चलें, इकबाल, कारतूस जैसी कई फिल्में शामिल हैं। हाल के समय में वो अपने बेटे के साथ पावर कट नाम की फिल्म में व्यस्त थे। अपनी इसी फिल्म के प्रचार के लिए वे मोगा से जालंधर जा रहे थे कि उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई। कार उनके बेटे चला रहे थे। उनके बेटे को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है।
मौजूदा समय की सबसे ज्वलंत समस्या भ्रष्टाचार और कम होती देशभक्ति की भावना को दो दशक पहले से भट्टी भांप गए थे और उस समय से वे इस पर प्रहार कर रहे थे और सार्थक संदेश देने का काम कर रहे थे। भट्टी ने हास्य और व्यंग्य के जरिये न सिर्फ लोगों का मनोरंजन किया बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की और हमेशा समसामयिक ज्वलंत मुद्दों को उठाने का काम किया। अपनी बात लोगों तक पहुंचाने भट्टी ने कभी भी फूहड़ भाषा या द्विअर्थी संवादों का सहारा नहीं लिया। भट्टी ने जिस अंदाज में कॉमेडी की शुरुआत की आखिर तक उस स्तर को बरकरार रखने का काम किया। जसपाल भट्टी की मौत... इस खबर को मानने का मन नहीं हो रहा और ऐसा लग रहा है कि यह खबर भी जसपाल भट्टी के अंदाज में 'उल्टा पुल्टा' निकल जाए...!
जसपाल भट्टी को श्रद्धांजलि...।
पंजाब के अमृतसर में 3 मार्च 1955 को पैदा हुए जसपाल भट्टी एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। वे जिस क्षेत्र में भी रहे, उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी। चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने वाले जसपाल का मुख्य शौक अभिनय था। ... और अभिनय में भी ऐसा काम कि जो कोई संदेश दे। हल्के फुल्के अंदाज में लोगों तक बात को पहुंचाए। अपनी इसी सोच के चलते कॉलेज के दिनों में ही भट्टी ने नॉनसेंस क्लब बनाकर नुक्कड़ नाटकों की शुरुआत की। वे एक अच्छे कार्टूनिस्ट भी थे। द ट्रिब्यून अखबार में कार्टूनिस्ट के तौर पर भी अपनी बात लोगों तक पहुंचाने का काम करते रहे। हालांकि तब तक उनका काम सीमित था। बाद में वे पूरे देश के ध्यान में तब आए जब दूरदर्शन में उन्होंने कामेडी शो 'उल्टा पुल्टा' लेकर आए। इस शो के माध्यम से उन्होंने उल्टी पुल्टी बातें कर सीधी और सच्ची सलाह लोगों तक पहुंचाने का काम किया और विशुद्ध कॉमेडी और बिना द्विअर्थी संवाद के ही एक नई मिसाल पेश की। दूरदर्शन में 80 के दशक में शुरू हुए इस शो को लेकर लोगों में गजब की दीवानगी थी और लोग सुबह सुबह इस शो का बेसब्री से इंतजार करते थे।
'उल्टा पुल्टा' के साथ भट्टी ने जो शुरूआत की तो फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद आया उनका 'फ्लॉप शो'। इस शो में वे अपनी पत्नी के साथ नजर आए। ये भटटी ही थे जिन्होंने 'फ्लॉप शो' को अपनी प्रतिभा से 'हिट' कर दिया। एक्टिंग में पूरी तरह सफल होने के बाद भट्टी ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया। छोटे परदे पर उनके दूसरे शोज थैंक्यू जीजा जी, हॉय जिंदगी-बॉय जिंदगी, फुल टैंशन भी खासा चर्चित हुए। एक्टिंग के साथ साथ जसपाल भट्टी ने सब टीवी के शो कॉमेडी का किंग कौन में जज के भूमिका भी निभाई। कुछ साल पहले अपनी पत्नी सविता के साथ डांस शो नच बलिए में उन्होंने अपने डांस का हुनर भी दिखाया।
जसपाल भट्टी ने छोटे परदे के अलावा बड़े परदे में भी अपने ही अंदाज में कॉमेडी के रंग दिखाए। इनमें फना, कुछ मीठा हो जाए, कुछ ना कहो, कोई मेरे दिल से पूछे, हमारा दिल आपके पास है, आ अब लौट चलें, इकबाल, कारतूस जैसी कई फिल्में शामिल हैं। हाल के समय में वो अपने बेटे के साथ पावर कट नाम की फिल्म में व्यस्त थे। अपनी इसी फिल्म के प्रचार के लिए वे मोगा से जालंधर जा रहे थे कि उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई। कार उनके बेटे चला रहे थे। उनके बेटे को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है।
मौजूदा समय की सबसे ज्वलंत समस्या भ्रष्टाचार और कम होती देशभक्ति की भावना को दो दशक पहले से भट्टी भांप गए थे और उस समय से वे इस पर प्रहार कर रहे थे और सार्थक संदेश देने का काम कर रहे थे। भट्टी ने हास्य और व्यंग्य के जरिये न सिर्फ लोगों का मनोरंजन किया बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की और हमेशा समसामयिक ज्वलंत मुद्दों को उठाने का काम किया। अपनी बात लोगों तक पहुंचाने भट्टी ने कभी भी फूहड़ भाषा या द्विअर्थी संवादों का सहारा नहीं लिया। भट्टी ने जिस अंदाज में कॉमेडी की शुरुआत की आखिर तक उस स्तर को बरकरार रखने का काम किया। जसपाल भट्टी की मौत... इस खबर को मानने का मन नहीं हो रहा और ऐसा लग रहा है कि यह खबर भी जसपाल भट्टी के अंदाज में 'उल्टा पुल्टा' निकल जाए...!
जसपाल भट्टी को श्रद्धांजलि...।
बिल्कुल
जवाब देंहटाएंमौजूदा समय की सबसे ज्वलंत समस्या भ्रष्टाचार और कम होती देशभक्ति की भावना को दो दशक पहले से भट्टी भांप गए थे और उस समय से वे इस पर प्रहार कर रहे थे और सार्थक संदेश देने का काम कर रहे थे।
सच कहूं तो भट्टी साहब हास्य के साथ करारा व्यंग करते थे, हर मुद्दे पर अलगं अंदाज में अपनी बात करने में माहिर थे।
बहुत याद आएंगे भट्टी साहब
श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंभट्टी साहब को मेरी "श्रद्धांजलि" ईश्वर उनकी आत्मा को शांती प्रदान करे,,,
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
RECENT POST...: विजयादशमी,,,
बांटा जीवन भर हँसी, जय भट्टी जसपाल |
जवाब देंहटाएंहंसगुल्ले गढ़ता रहा, नानसेंस सी चाल |
नानसेंस सी चाल, सुबह ले लेता बदला |
जीवन भर की हँसी, बनाता आंसू पगला |
उल्टा -पुल्टा काम, हमेशा तू करता है |
सुबह सुबह इस तरह, कहीं कोई मरता है ||
MARMIK
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।
भट्टी साहब को मेरी "श्रद्धांजलि" ईश्वर उनकी आत्मा को शांती प्रदान करे,,,
जवाब देंहटाएंatul ji aapki is post ne hame hamare pasandida bhatti ji bare me bahut jankari dee hai. aabhar
इस खबर ने दुखी कर दिया है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
जवाब देंहटाएंMARMIK प्रस्तुति शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंvinarm shraddhajanli
जवाब देंहटाएंउनका जाना बहुत दुखद है..... विनम्र नमन
जवाब देंहटाएंसड़क दुर्घटनाओं में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है .जसपाल जी जैसे महान कलाकार का इस तरह जाना बहुत दुखद है .सड़क दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में प्रशासन को गंभीर होकर कड़े नियम व् इंतजाम करने होंगें .
जवाब देंहटाएंबेहद दु:खद
जवाब देंहटाएंभट्टी साहब को विनम्र "श्रद्धांजलि"
भट्टी जी को श्रध्दांजली उनके हंसाने वाले शोज और चुटीले व्यंग हमेशा याद रहेंगे ।
जवाब देंहटाएंभट्टी जी को विनम्र श्रद्धांजलि..
जवाब देंहटाएंआदरंईय श्रीभट्टी साहब को साहित्यप्रेमीओं की ओर से विनम्र "श्रद्धांजलि"
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