अपने अखबार भास्कर भूमि के परिचय अंक में प्रकाशित विशेष संपादकीय.......
सभी सुधि पाठकजनो को हिंदु नववर्ष की शुभकामनाएं। आप सबको शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्र की भी शुभकामनाएं। आज आप सबसे मुखातिब होकर खुशी का अहसास हो रहा है और साथ ही नई चुनौतियों को लेकर मन में कुछ अलग तरह के भाव हैं। यहां चुनौतियों को लेकर डर नहीं है, क्योंकि डर तब खत्म हो जाता है जब आत्मविश्वास हो। .... और हमारे आत्मविश्वास का आधार आप हैं।
आज से हम एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। पिछले कुछ समय से शहर के चौराहों में लगे होर्डिंग्स ने आप सबका ध्यान लगातार आकर्षित किया होगा और आपके मन में सवाल भी कौंधा होगा कि आखिर यह है क्या...? आपमें से कुछ शायद समझ गए होंगे और कुछ कयास लगा रहे होंगे, पर अब सारे कयासों को विराम देते हुए हम आपके समक्ष हैं।
एक नया अखबार भास्कर भूमि लेकर आपके समक्ष। राजनांदगांव और प्रदेश के युवा और पत्रकारिता में दमदार दखल रखने वाले जुझारू लोगों के साथ मिलकर एक ऐसा अखबार निकालने के लिए जो आपकी अपनी आवाज बने। अखबारों की भीड़ है और ऐसे में एक और नया अखबार..... सवाल जरूर आपके मन में कौंध रहा होगा, पर पत्रकारिता के मूल मापदंड का पालन करते हुए हम मौजूदा दौर में खबरों के सरोकार से दूर होते और बाजारवाद की ओर अग्रसर होते लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को फिर से जनता के करीब लाने, उनकी बात शासन प्रशासन तक पहुंचाने और आपका सच्चा हितचिंतक बनने का प्रयास करेंगे।
यह तब संभव हो सकेगा, जब आपका साथ हमें मिलेगा। हमारी कोशिश रहेगी कि भास्कर भूमि अपने नाम के अनुरूप भास्कर यानि सूरज की तरह सबके लिए समान रूप से बर्ताव करे और भूमि यानि जमीन में रहते हुए अपने पाठकों की सारी बातों, भावनाओं का पूरा सम्मान करे। तमाम तरह के अखबारों में काम करने का अवसर मिला है और पत्रकारिता को जिंदा रखने की हमेशा कोशिश की है, बाजारवाद के इस दौर में नैतिक मूल्य कहीं खोते प्रतीत होते तो कहीं स्वहित जनहित पर भारी पड़ता नजर आता। एक और मौका है, पत्रकारिता के धर्म को निभाने का और इस पर खरा उतरने की कोशिश रहेगी।
इस समय सबसे बड़ी जरूरत है, देश हित में सोचने की। हमेशा से एक बात मेरे जेहन में है कि कुछ तो बात है इस देश की माटी में। क्या किसी और देश की माटी को कोई अपने माथे पर लगाकर गर्व की अनुभूति करता है? क्या किसी और देश को मां का दर्जा हासिल है? यह खूबी भारत में ही है। कुछ तो बात है इस देश में, कि इसकी अस्मिता के लिए कुर्बानियों के किस्से भरे पड़े हैं। 23 साल की उम्र कोई बड़ी उम्र नहीं होती.... इस उम्र में फांसी पर चढ़ गए थे भगत सिंह। उनसे पहले भी देश की शान के लिए शहादत हुए हैं और उनके बाद भी। आने वाले समय में भी जब भी जरूरत होगी, इस धरती के सपूत इसके लिए तैयार हैं।
आज यानि 23 मार्च को हम अपने अखबार का पहला अंक प्रकाशित कर रहे हैं। अखबारी तकनीकी भाषा में इसे डमी अंक कहा जाता है, पर हम इसे परिचय अंक कह रहे हैं। संयोग ही है कि आज से हिंदु नववर्ष प्रारंभ हो रहा है और शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र शुरू हुआ है। साथ ही देशभक्ति के प्रतीक के रूप में लाखों करोड़ों युवाओं के आदर्श भगतसिंह जी, राजगुरू जी और सुखदेव जी की शहादत का दिन भी है। आज के दिन से हम अपना अखबार आपको समर्पित करते हुए भरोसा दिलाते हैं कि देश के, प्रदेश के, आम जनों के हित को लेकर हमारा अखबार हमेशा संघर्ष करता रहेगा और यह तभी संभव हो पाएगा जब हमें आपका सहयोग मिले।
वंदे मातरम्
जय हिंद
जय छत्तीसगढ़.......
अपने इस अखबार में हमने हर दिन पूरा एक पन्ना ब्लाग जगत को समर्पित करने का फैसला लिया है। इसके लिए पारिश्रमिक की भी व्यवस्था हमने रखी है। अखबार का विमोचन समारोह 13 अप्रैल को तय हुआ है। इससे पहले प्रकाशित परिचय अंक में सुश्री आलोकिता गुप्ता जी, श्री महेन्द्र श्रीवास्तव जी, श्री संतोष त्रिवेदी जी, श्री एस एम मिश्रा 'हबीब' जी, सुश्री मृदुला हर्षवर्धन जी के ब्लाग पोस्ट प्रकाशित हुए हैं।
सभी सुधि पाठकजनो को हिंदु नववर्ष की शुभकामनाएं। आप सबको शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्र की भी शुभकामनाएं। आज आप सबसे मुखातिब होकर खुशी का अहसास हो रहा है और साथ ही नई चुनौतियों को लेकर मन में कुछ अलग तरह के भाव हैं। यहां चुनौतियों को लेकर डर नहीं है, क्योंकि डर तब खत्म हो जाता है जब आत्मविश्वास हो। .... और हमारे आत्मविश्वास का आधार आप हैं।
आज से हम एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। पिछले कुछ समय से शहर के चौराहों में लगे होर्डिंग्स ने आप सबका ध्यान लगातार आकर्षित किया होगा और आपके मन में सवाल भी कौंधा होगा कि आखिर यह है क्या...? आपमें से कुछ शायद समझ गए होंगे और कुछ कयास लगा रहे होंगे, पर अब सारे कयासों को विराम देते हुए हम आपके समक्ष हैं।
एक नया अखबार भास्कर भूमि लेकर आपके समक्ष। राजनांदगांव और प्रदेश के युवा और पत्रकारिता में दमदार दखल रखने वाले जुझारू लोगों के साथ मिलकर एक ऐसा अखबार निकालने के लिए जो आपकी अपनी आवाज बने। अखबारों की भीड़ है और ऐसे में एक और नया अखबार..... सवाल जरूर आपके मन में कौंध रहा होगा, पर पत्रकारिता के मूल मापदंड का पालन करते हुए हम मौजूदा दौर में खबरों के सरोकार से दूर होते और बाजारवाद की ओर अग्रसर होते लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को फिर से जनता के करीब लाने, उनकी बात शासन प्रशासन तक पहुंचाने और आपका सच्चा हितचिंतक बनने का प्रयास करेंगे।
यह तब संभव हो सकेगा, जब आपका साथ हमें मिलेगा। हमारी कोशिश रहेगी कि भास्कर भूमि अपने नाम के अनुरूप भास्कर यानि सूरज की तरह सबके लिए समान रूप से बर्ताव करे और भूमि यानि जमीन में रहते हुए अपने पाठकों की सारी बातों, भावनाओं का पूरा सम्मान करे। तमाम तरह के अखबारों में काम करने का अवसर मिला है और पत्रकारिता को जिंदा रखने की हमेशा कोशिश की है, बाजारवाद के इस दौर में नैतिक मूल्य कहीं खोते प्रतीत होते तो कहीं स्वहित जनहित पर भारी पड़ता नजर आता। एक और मौका है, पत्रकारिता के धर्म को निभाने का और इस पर खरा उतरने की कोशिश रहेगी।
इस समय सबसे बड़ी जरूरत है, देश हित में सोचने की। हमेशा से एक बात मेरे जेहन में है कि कुछ तो बात है इस देश की माटी में। क्या किसी और देश की माटी को कोई अपने माथे पर लगाकर गर्व की अनुभूति करता है? क्या किसी और देश को मां का दर्जा हासिल है? यह खूबी भारत में ही है। कुछ तो बात है इस देश में, कि इसकी अस्मिता के लिए कुर्बानियों के किस्से भरे पड़े हैं। 23 साल की उम्र कोई बड़ी उम्र नहीं होती.... इस उम्र में फांसी पर चढ़ गए थे भगत सिंह। उनसे पहले भी देश की शान के लिए शहादत हुए हैं और उनके बाद भी। आने वाले समय में भी जब भी जरूरत होगी, इस धरती के सपूत इसके लिए तैयार हैं।
आज यानि 23 मार्च को हम अपने अखबार का पहला अंक प्रकाशित कर रहे हैं। अखबारी तकनीकी भाषा में इसे डमी अंक कहा जाता है, पर हम इसे परिचय अंक कह रहे हैं। संयोग ही है कि आज से हिंदु नववर्ष प्रारंभ हो रहा है और शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र शुरू हुआ है। साथ ही देशभक्ति के प्रतीक के रूप में लाखों करोड़ों युवाओं के आदर्श भगतसिंह जी, राजगुरू जी और सुखदेव जी की शहादत का दिन भी है। आज के दिन से हम अपना अखबार आपको समर्पित करते हुए भरोसा दिलाते हैं कि देश के, प्रदेश के, आम जनों के हित को लेकर हमारा अखबार हमेशा संघर्ष करता रहेगा और यह तभी संभव हो पाएगा जब हमें आपका सहयोग मिले।
वंदे मातरम्
जय हिंद
जय छत्तीसगढ़.......
अपने इस अखबार में हमने हर दिन पूरा एक पन्ना ब्लाग जगत को समर्पित करने का फैसला लिया है। इसके लिए पारिश्रमिक की भी व्यवस्था हमने रखी है। अखबार का विमोचन समारोह 13 अप्रैल को तय हुआ है। इससे पहले प्रकाशित परिचय अंक में सुश्री आलोकिता गुप्ता जी, श्री महेन्द्र श्रीवास्तव जी, श्री संतोष त्रिवेदी जी, श्री एस एम मिश्रा 'हबीब' जी, सुश्री मृदुला हर्षवर्धन जी के ब्लाग पोस्ट प्रकाशित हुए हैं।