बिग बास को लेकर झगडा हो रहा है। मुझे इस बात का अफसोस नहीं कि इसे लेकर झगडा हो रहा है। अफसोस झगडे के कारण को लेकर है। दरअसल में बदनाम मुन्नी के चुलबुल पांडे की अगुवाई में कलर्स चेनल में शुरू हुए बिग बास सीजन 4 के प्रतिभागियों को लेकर शिवसेना और मनसे कलर्स पर खफा हैं।
शिवसेना और महाराष्ट नवनिर्माण सेना(मनसे) ने कलर्स पर आखें तरेरना शुरू कर दिया है। दोनों की नाराजगी का कारण पाकिस्तान से इस शो में आए दो कलाकार हैं। एक हैं वीना मलिक और दूसरे हैं बेगम नवाजिश अली। वीणा मलिक पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद आसिफ की पूर्व प्रेमिका होने के साथ ही वहां की अभिनेत्री हैं वहीं दूसरे पाकिस्तानी टीवी शो में महिला का भेष बनाकर ख्याति पाने वाले पुरूष बेगम नवाजिश अली हैं। सेना के प्रवक्ता का कहना है कि वह इस शो में पाकिस्तानी कलाकारों की मौजूदगी की इजाजत नहीं देंगे, लगता है जैसे वे ही सेंसर बोर्ड और सर्वेसर्वा हों। सेना यह भी चुटकी लेने से बाज नहीं आया कि यदि पाकिस्तानी को ही लेना था तो अजमल कसाब और अफजल गुरू को क्यों नहीं लिया गया। आम तौर पर सेना से खार खाने वाले उससे अलग हुए मनसे ने भी इस मामले में सेना के सुर से सुर मिलाया हुआ है और उसका कहना है कि जब पाकिस्तान में लता मंगेशकर और आशा भोसले जैसी गायिकाओं का कार्यक्रम नहीं होने दिया गया तो हम यहां पाकिस्तानियों को कैसे सहन कर सकते हैं।
अब आते हैं मुददे पर। आप सोच रहे होंगे कि अब तक कहां थे। जनाब अब तक तो भूमिका ही बंध रही थी। बिग बास की, शिवसेना की और मनसे की। बडा दुख हुआ यह जानकर कि शिवसेना और मनसे जैसी पार्टियां बेतुके मामलों पर बखेडा करने का ही काम करती हैं और उनकी उदंडता पर कोई कुछ नहीं बोलता। मैं बिग बास का समर्थक नहीं हूं और न ही मुझे इस शो के विरोध का दुख है। लिखना तब पडा जब बिग बास का शो अपने पहले ही दिन बदनाम हो गया। पहले दिन बिस बास का शो यदि किसी ने परिवार के साथ देखा होगा तो वह शर्मिंदा जरूर हुआ होगा, कलर्स ने भले ही शो में डायलाग डिलीवरी में बीप बीप की आवाज डालकर गालियों को दबाने की कोशिश की लेकिन कोई निरा मुर्ख ही होगा जिसे यह पता नहीं चला होगा कि एक शातिर चोर जो बिग बास का मेहमान बनकर आया था ने बिग बास को कैसी भददी भददी गालियां दी हैं। चौथा संस्करण है बिग बास का लेकिन शायद ही किसी को पता हो कि बिग बास कौन है लेकिन बंटी महाशय ने बिग बास की मां बहन तक को नहीं छोडा। एक से एक छंद अपने अंदाज में सुना दिए। महिला प्रतिभागियों के समक्ष ही उसने गालियों की बौछार लगा दी और शो के पहले ही दिन वह बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वैसे उसके लिए बाहर जाना सजा नहीं था, शो देखकर लग रहा था कि वह बाहर ही जाना चाहता था और बिग बास ने उसकी तमाम गालियां सुनने के बाद उसकी इच्छा पूरी कर दी। यहां यह बताना जरूरी नहीं क्योंकि सबको पता होगा कि देवेंदर उर्फ बंटी पाकिस्तान से आया कलाकर नहीं भारत का शातिर चोर है और उसे उसकी चोरी के इनाम में बिग बास ने अपने घर बुलाया था।
देवेंदर उर्फ बंटी की गालियों के शब्दकोश्ा और शिवसेना, मनसे के विरोध ने मुझे यह बात कहने मजबूर किया। मुझे खुशी होती यदि शिवसेना या मनसे बंटी की गालियों को बीप बीप की आवाज के साथ सुनाने पर कलर्स पर नाराज होते लेकिन उनका तो मसला ही अलग है, अब भगवान ठाकरे बंधुओं को सदबुदिध दे, इसी प्रार्थना के साथ।
सवाल सिर्फ बिग बास का नहीं..ये मसला हर एक वो चीज़ का है जिसमें पाकिस्तान शब्द जुड़ा हो..बिग बास पर गालियों की बारिश हो रही थी..और कुछ लोग पाकिस्तानी राग अलापे बैठे हैं..पड़ौसी मुल्क के चन्द गद्दारों के लिये हम पूरी कौम को जिम्मेवार नहीं ठहरा सकते..बहरहाल अच्छी पोस्ट अतुल जी.. लगे रहिये.. अभी तो सिर्फ पंख फड़फड़ाये हैं..अभी तो असल उड़ान बाकी है..अभी तो तय की है कुछ मंज़िले..अभी तो पूरा आसमान बाकी है..
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