19 दिसंबर 2010

मां


आज मुझे एक एसएमएस मिला। यह एसएमएस वैसे तो हर दिन आने वाले एसएमएस की तरह ही था लेकिन उसके मायने कुछ खास थे। आप भी देखिए।
‘ एक छोटा सा बच्चा अपनी मम्‍मी के साथ जा रहा था। रास्‍ते में एक पुल पर पानी बहुत तेजी से बह रहा था। मम्‍मी कहती है, बेटा डरो मत, मेरा हाथ पकड लो। बेटा कहता है नहीं मम्‍मी आप मेरा हाथ पकड लो। अब मम्‍मी मुस्‍कुराते हुए कहती है, दोनों में क्‍या अंतर है बेटा? बेटा कहता है, अगर मैं आपका हाथ पकडूं और अचानक कुछ हो जाए तो शायद मैं आपका हाथ छोड दूं लेकिन मैं यह जानता हूं कि  यदि आप मेरा हाथ पकडेंगी तो चाहे कुछ भी हो जाए आप मेरा हाथ कभी नहीं छोडेंगी।
ऐसी होती है मां। 

2 टिप्‍पणियां:

  1. मेरे एस एम् एस में माँ के स्थान पर पिता लिखा था.
    माँ हो या पिता बच्चे के लिए दोनों का प्यार और तडप एक सी होती है.माँ का प्यार दिख जाता है पिता का....बस महसूस किया जा सकता है.किन्तु दोनों अपनी जगह बहुत अच्छे,बहुत जरूरी और प्यारे.

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