01 नवंबर 2012

राज्‍य का उत्‍सव या हलकट जवानी का उत्‍सव!!!!!



 फिल्‍मी सितारों को परदे में देखकर लोग उनके निभाए किरदारों में आदर्श ढूंढते हैं और उनके जैसा बनने की कोशिश करते हैं.....

फिल्‍मों में ज्‍यादातर मौकों पर अश्‍लीलता और अंग प्रदर्शन के जरिए अपनी अलग ही छवि पेश करने वाली करीना कपूर को सामने देखकर लोग क्‍या सीखेंगे??????

लगता है सरकार करीना को फेस टू फेस दिखाकर छत्‍तीसगढ को यह समझाना चाहती है कि अपने बाप की उमर के शादीशुदा व्‍यक्ति से शादी करने के बाद ''टीआरपी'' कैसे बढती है!!!!!

हद है छत्‍तीसगढ सरकार!!!!!!!!!!!!!

मौजूदा दौर में छत्‍तीसगढ तमाम तरह की दिक्‍कतों से जूझ रहा है, तकरीबन हर दिन नक्‍सली राज्‍य की धरती को खून से लथपथ कर रहे हैं.... बहुत काम हुए हैं पर अभी भी दिक्‍कतें बहुत हैं... उम्‍मीदें बहुत हैं, उन पर सरकार खरी नहीं उतर पाई है।

सरकार कई योजनाओं का ढोल पीटती है, पर मेरा मानना है कि ज्‍यादातर योजनाएं ''चोरी'' की हैं। ज्‍यादातर का क्रियान्‍वयन इस तरह से हो रहा है कि योजनाओं का सदुपयोग कम और दुरूपयोग ज्‍यादा हो रहा है। 
मसलन, गरीबों को चावल योजना की बात करें तो यह आंध्र से उठाया गया है।
संजीवनी एक्‍सप्रेस के माध्‍यम से अच्‍छा काम हो रहा है, यह गुजरात से आयातित योजना है।
मुख्‍यमंत्री सडक योजना, प्रधानमंत्री सडक योजना की नकल है।
चावल के लिए फर्जी गरीबी रेखा कार्ड बन गए हैं और हालत यह है कि हर घर में कई कार्ड लोगों ने बना लिए हैं। नेताओं के पास सैकडों कार्ड हैं। राशन दूकानों से सरकारी चावल की कालाबाजारी हो रही है। 
  ....और भी कई योजनाएं हैं
 
कुल मिलाकर मेरा कहना है कि राज्‍योत्‍सव का जश्‍न मनाया जाना चाहिए लेकिन दिखावा नहीं होना चाहिए...... पर अफसोस हो यही रहा है। एक तारीख से लेकर सात तारीख तक मनने वाले राज्‍योत्‍सव में हर दिन मुंबई के कलाकारों को करोडो रूपए खर्च कर लाया जा रहा है। ज्‍यादा अफसोस यह भी कि इन कलाकारों को छत्‍तीसगढ की संस्‍कृति की ही समझ है और न ही छत्‍तीसगढ से इनको कोई मतलब है। ये यहां आएंगे। करोडो रूपए लेंगे और मंच में ठुमके लगाकर लौट जाएंगे।

(करीना कपूर छत्‍तीसगढ के राज्‍योत्‍सव में सरकारी मेहमान है और खबर है कि करीना को यहां आने के लिए सरकारी खजाने से एक करोड दस लाख रूपए दिया जा रहा है और आने जाने के लिए चाटर्ड विमान का खर्चा भी उठाया जा रहा है। करीना के अलावा राज्‍योत्‍सव के कार्यक्रमों में अलग अलग दिन ये भी आएंगे, एक नवम्बर करीना कपूर (बॉलीवुड अभिनेत्री) एवं सोनू निगम (बॉलीवुड सिंगर), दो नवम्बर नेहा धूपिया (बॉलीवुड अभिनेत्री), सुदेश भोसले (बॉलीवुड सिंगर), तीन नवम्बर रागिनी खन्ना (ससुराल गेंदाफूल फेम), प्रत्युषा बेनर्जी (बालिका वधु फेम), चार नवम्बर विशाल शेखर (संगीतकार), पांच नवम्बर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं छत्तीसगढ़ फिल्म स्टार नाईट, छह नवम्बर हिमेश रेशमिया (बॉलीवुड सिंगर), दीया मिर्जा (बॉलीवुड अभिनेत्री), आयुष्मान खुराना (बॉलीवुड अभिनेता), सात नवम्बर सुनिधी चौहान (बॉलीवुड सिंगर) और श्वेता तिवारी (बॉलीवुड अभिनेत्री)।)



8 टिप्‍पणियां:

  1. इतना खर्च प्रदेश के विकास में भागीदारी निभाने वालों के लिए खर्च हो तो फिर भी समझा जा सकता है..... दुखद है यूँ पानी की तरह पैसा बहाया जाना

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    1. वास्‍तव में दु:खद है मोनिका जी। आपने एक नवम्‍बर की सुबह साढे छह बजे के आसपास यह टिप्‍पणी की और शाम के इसी वक्‍त के आसपास हुई झमाझम बारिश ने करोडों के खर्च पर पानी फेर ही दिया!!!!

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  2. कौन कह सकता है कि छत्तीसगढ़ गरीब राज्य है।

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  3. yah janta ke paise ki barbadi he....isse to behtar tha ki yah paisa...janta ko de diya jata..

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  4. आज एमपी भी स्थापना दिवस मना रहा है - जिले-जिले में कार्यक्रम हैं. भोपाल में ए आर रहमान का म्यूजिकल शो है.

    दरअसल ये सारा आयोजन, आयोजन में संलग्न सरकारी अफसरों-नेताओं के लिए 40-50% कटिंग फंड जुगाड़ करने के लिए ही होता है.

    ऐसे हलकट जवानी उत्सवों का घोर प्रतिकार होना ही चाहिए.

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  5. चकाचौंध का युग है ..
    क्‍या कहा जा सकता है

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  6. एक दिन के लिये १० करोड खर्च करना अनुचित है,,,,
    छतीसगढ के स्थापना दिवस की शुभ कामनाये,,,,,

    RECENT POST LINK...: खता,,,

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  7. करीना कपूर पर इतने पैसे ये तो सरासर पैसों की बर्बादी है...
    उत्सव मनाएं पर पैसों का लिमिटेड खर्च होना चाहिए...
    :-)

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