30 नवंबर 2012

जानवर कौन?

 नेताओं की जुबान। बेशर्मी की सारी हदें पार करतीं और मर्यादा को ताक पर रखकर कुछ भी बयान देने का शायद लायसेंस मिल जाता है नेताओं को। ऐसे ही एक नेता है, मणिशंकर अय्यर। ब्यूरोक्रेट्स से नेता बने अय्यर अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने ताजा बयान दिया है, कि एफडीआई का विरोध करने वाले सांसद 'जानवर' हैं। अय्यर ने एक निजी न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम में जिस अंदाज में अपनी बात की और बाद में अपनी बात पर टिके रहने का दावा किया, उससे साबित होता है कि वे एक अडिय़ल शख्स हैं और उनकी खुद की सोच-समझ किसी 'जानवर' से कम नहीं हैं, जो अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझता!
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद मणिशंकर अय्यर  चैनल के कार्यक्रम में विपक्षी सांसदों को जानवर कहने की बात पर न सिर्फ अड़े रहे बल्कि कार्यक्रम में मौजूद एक बीजेपी नेता के ऐतराज के बाद उन्होंने कहा कि मैं अपने शब्द वापस नहीं लूंगा बल्कि उन्हें एक बार फिर दोहराऊंगा। चैनल के प्रस्तोता ने भी जब सभ्य व्यवहार का सवाल उठाते हुए अय्यर से अपने शब्द वापस लेने और उस पर खेद जताने की उम्मीद की तो अय्यर और भड़क गए। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि मैं क्या कह रहा हूं। मुझे उसपर कोई अफसोस नहीं है। माफी मांगने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।
यह पहला मौका नहीं है, जब अय्यर ने इस तरह की बयानबाजी की है। अय्यर अपने कामों से ज्यादा विवादास्पद बयानों के लिए ज्यादा जाने जाते हैं। वह सरकार में रहें या ना रहें, उनके बयानों ने हमेशा गर्मी पैदा करने का काम  किया है। ना सिर्फ विपक्ष बल्कि उनके निशाने पर अक्सर उनकी अपनी ही पार्टी और अपने ही नेता आ जाते हैं। किसी समय अय्यर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के खासम-खास थे और राजीव की मृत्यु के बाद पार्टी में खुद की उपेक्षा का दर्द  अक्सर मणिशंकर के व्यवहार में झलक जाता है और वे कुछ ऊटपुटांग कर बैठते हैं। कैम्ब्रिज से पढऩे के बाद भारतीय विदेश सेवा में रह चुके अय्यर ने 80 के दशक में राजीव गांधी से प्रभावित होकर कांग्रेस का दामन थामा था। धीरे-धीरे वो हाशिए पर चले गए। पर बड़बोलापन नहीं गया।
अय्यर ने दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाडी को ब्लडी लायर यानी झूठा कह दिया था। अय्यर ने ये भी कहा कि मैंने कोशिश की थी की हमें गेम्स की मेजबानी ना मिले। अय्यर इस कदर नाराज थे कि उन्होंने गेम्स के दौरान देश से बाहर रहने का फैसला किया। अय्यर ने ये आरोप भी लगाया कि कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी हासिल करने के लिए भारत ने राष्ट्रमंडल देशों की ओलंपिक समिति को एक-एक लाख डॉलर रिश्वत दी थी। एक बार अय्यर ने ये भी कहा कि कांग्रेस एक सर्कस है और इसमें 90 फीसदी जोकर हैं। अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव पर ही विवादास्पद बयान दे दिया था। उन्होंने कहा कि बाबरी विध्वंस के लिए नरसिंह राव जिम्मेदार हैं। उनके इस बयान पर कांग्रेस के भीतर काफी हंगामा मचा था। इसी साल नवंबर में मणिशंकर ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए नरेंद्र मोदी को लहूपुरुष कह डाला। उन्होंने मोदी की तुलना दाऊद से करते हुए कहा कि मोदी की बुद्धि माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम जैसी है। 2008 में ही अय्यर ने मोदी की तुलना हिटलर से भी की थी। कोल ब्लाक मामले में अय्यर ने एक और बयान ने हंगामा मचाया था, वह था बीजेपी सांसदों को संसद से बाहर फेंक देना चाहिए।  अय्यर को अपनी जुबान पर लगाम लगाना चाहिए और हर समय इस तरह की बयानबाजी कर वे खुद को यदि सुपरहीरो समझ रहे हैं, तो यह उनकी नासमझी है और इस तरह की नासमझी एक सुलझा हुआ नेता नहीं कर सकता, ऐसी बयानबाजी वही कर सकता है जिसकी समझ  'जानवरों' जैसी हो।

8 टिप्‍पणियां:

  1. क्‍या उन्‍होंने कभी यह कहा है कि वे 'सुलझे हुए नेता' हैं ?

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  2. जब मंत्रीपद नही रहता तो ऐसा ही होता है।

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  3. बेलगाम होते जा रहे नेताओं पर जनता ही लगाम लगा सकती है !!

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  4. एक तो नेता ऊपर से कोंग्रेसी जैसे करेला ऊपर से नीम चड़ा !


    विश्व एड्स दिवस पर रखें याद जानकारी ही बचाव - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  5. अतुल जी वे नेता हैं और अपनी जात को वे भली भांति जानते हैं .सार्थक प्रस्तुति .बधाई.मेरी ब्लॉग पोस्ट-[कानूनी ज्ञान]- मीडिया को सुधरना होगा[कौशल] -आत्महत्या -परिजनों की हत्या

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  6. लोग पहचानते हैं कि "जानवर" कौन है ? बढिया प्रस्तुति

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  7. राजनीति‍ज्ञों की बातें मेरे जैसे आम प्राणी नहीं समझते

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