फोटो : अमित चटर्जी |
ाले ठेकेदारों से इमानदारी से काम की उम्मीद
हम कैसे कर सकते हैं?
मुख्यमंत्री के लोकार्पण के दस दिन के भीतर ही
इस सडक पर गडढे हो गए थे, जिसके बाद कांग्रेस ने इन गडढों पर धान का रोपा लगाकर
विरोध जताया था.... इस विरोध के बाद जांच की बात की गई लेकिन जांच में क्या हुआ
यह पता नहीं चल पाया और अब जब सडक बारिश में बह गई है, एक बार फिर जांच शुरू हो गई
है। महाराष्ट्र
के कोटगुल से लगे गोंडरी पहाडी से निकलने वाली शिवनाथ नदी राजनांदगांव के वनांचल से होते हुए राजनांदगांव शहर और
फिर दुर्ग की ओर जाती है। यह इस जिले की जीवनदायिनी नदी है लेकिन इन दिनों इसके
गुस्से से सब सहमे हुए हैं।
एक बात और... चुनाव नजदीक है, इसलिए मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के पहले एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम के निर्माण का काम भरे बरसात में चल रहा है.... बरसते पानी में सीमेंटीकरण हो रहा है, डामरीकरण जारी है..... आचार संहिता के पहले मुख्यमंत्री इसका भी लोकार्पण जैसे तैसे कर देंगे..... हां उनके लिए सुकून की बात यह हो सकती है कि अगले साल यदि यह भी बारिश की भेंट चढा तो भी, इससे चुनावी फायदा तो तब तक मिल ही जाया रहेगा उनको.......!!!
एक बात और... चुनाव नजदीक है, इसलिए मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के पहले एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम के निर्माण का काम भरे बरसात में चल रहा है.... बरसते पानी में सीमेंटीकरण हो रहा है, डामरीकरण जारी है..... आचार संहिता के पहले मुख्यमंत्री इसका भी लोकार्पण जैसे तैसे कर देंगे..... हां उनके लिए सुकून की बात यह हो सकती है कि अगले साल यदि यह भी बारिश की भेंट चढा तो भी, इससे चुनावी फायदा तो तब तक मिल ही जाया रहेगा उनको.......!!!
आखिर कब तक ?
जवाब देंहटाएंया तो काम होता नहीं ...हो तो उसकी स्तरीयता का कोई भरोसा ही नहीं....
ये तो होना ही था !
जवाब देंहटाएंनहीं होगा तो काम कैसे चलेगा !
उत्तराखंड में भी यही हो रहा है
ये सब फिर से कह रहा है
भारत में हर जगह एक सा ही
तो हो रहा है फिर भी तू खुश
पता नहीं क्यों नहीं हो रहा है !
नेताओं को कमीसन चाहिए,गुणवत्ता कोई मतलब नही,,,
जवाब देंहटाएंकाफी दिनों बाद आपकी पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा,,,,आभार अतुल जी
RECENT POST : सुलझाया नही जाता.
सुन्दर प्रस्तुति आभार। हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} की पहली चर्चा हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-001 में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar
जवाब देंहटाएं